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प्रतापगढ़: 20 करोड़ की ऑनलाइन ठगी का खुलासा, तीन साइबर ठग गिरफ्तार, 16 राज्यों में फैला था नेटवर्क

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ से पुलिस ने एक बड़ी साइबर ठगी का पर्दाफाश किया है। इस मामले में पुलिस ने कुल तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने ऑनलाइन गेमिंग, ट्रेडिंग और लोन एप के माध्यम से लोगों को ठगने का काम किया था। पुलिस ने आरोपियों के पास से मोबाइल, बैंक पासबुक और अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे लोगों को झांसे में लेकर उनके खाते से पैसे निकाल लेते थे। उनका एक संगठित गिरोह है, जिसमें शिवम तिवारी, अनुराग शुक्ला और अंकित पाल शामिल हैं।

आरोपियों ने बताया कि वे फर्जी एप बनाकर लोगों को निवेश करने के लिए प्रेरित करते थे और उनके पोर्टफोलियो में निवेश की गई राशि को दो गुना दिखाते थे। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने 16 राज्यों में 55 शिकायतों में लगभग 20 करोड़ रुपये की ठगी की है। आरोपियों के संबंध पश्चिम बंगाल, बिहार और असम जैसे राज्यों के अन्य साइबर अपराधियों से जुड़े हुए हैं। 

दो आरोपियों पर पहले से दर्ज हैं मामले

पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है। गिरफ्तार आरोपियों में शिवम तिवारी, अनुराग शुक्ला और अंकित पाल शामिल हैं। शिवम तिवारी और अनुराग शुक्ला के खिलाफ पहले भी मामले दर्ज हैं। पुलिस ने आरोपियों के पास से बरामद दस्तावेजों और मोबाइल का विश्लेषण किया है और आगे की जांच में जुटी हुई है। पुलिस इस गिरोह में शामिल अन्य लोगों की गिरफ्तारी की कोशिश कर रही है। 

कैसे करते थे ठगी?

इस गिरोह के लोग सोशल मीडिया, टेलीग्राम और अन्य जगहों पर निवेश में भारी मुनाफे की बात कहकर लोगों का भरोसा जीतते थे। इसके बाद एप में उनके निवेश की रकम दोगुनी करके दिखाते थे। लोगों का भरोसा जीतने के बाद उनके जरूरी दस्तावेज हासिल कर खातों से लाखों की ठगी कर लेते थे। जब आरोपियों को लगता कि उनके किसी बैंक खाते में कार्रवाई हो सकती है तो रकम दूसरे खाते में ट्रांसफर कर लेते थे और पुलिस से भी बचे हुए थे।

कौन-कौन बना शिकार?
व्यापारी

विद्यार्थी

नौकरीपेशा लोग

बुजुर्ग नागरिक

अधिकतर पीड़ितों ने भरोसे में आकर OTP, बैंक डिटेल्स या UPI कोड साझा कर दिए।

कैसे बचें ऐसे साइबर ठगों से?

क्या करें (Do’s)

  1. बैंक कॉल या लिंक पर कभी विश्वास न करें
    • बैंक कभी भी फोन पर OTP या PIN नहीं मांगता
  2. सिर्फ आधिकारिक वेबसाइट या ऐप ही इस्तेमाल करें
    • Google Play Store/Apple App Store से ही ऐप डाउनलोड करें
  3. 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन चालू रखें
    • हर अकाउंट में OTP या बायोमेट्रिक सुरक्षा ज़रूरी है
  4. अंजान लिंक या QR कोड पर क्लिक न करें
    • ये वायरस या ट्रैकिंग लिंक हो सकते हैं
  5. अगर ठगी हो जाए तो तुरंत साइबर सेल या 1930 पर रिपोर्ट करें

विशेषज्ञ क्या कहते हैं? | Powered by CyberSathhi.com

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देशभर में तेजी से बढ़ते साइबर अपराधों के बीच, विशेषज्ञों ने जनता को सतर्क रहने और डिजिटल जागरूकता बढ़ाने की सख्त सलाह दी है। CyberSathhi.com, एक साइबर जागरूकता मंच, इन विशेषज्ञों के विचारों को आपके लिए प्रस्तुत करता है।

डॉ. समीर जैन

साइबर क्राइम विशेषज्ञ, इंडियन डिजिटल सिक्योरिटी फोरम

“आज के समय में ठग टेक्नोलॉजी से ज्यादा लोगों की भावनाओं और डर का फायदा उठा रहे हैं। OTP, QR Code, KYC जैसी चीज़ें अब आम भाषा बन गई हैं, लेकिन लोग इनके पीछे छिपे जोखिम को नहीं समझते। CyberSathhi.com जैसे प्लेटफॉर्म ज़रूरी हैं जो हर नागरिक को जागरूक बनाएं।”

रवि वर्मा

साइबर लॉ एक्सपर्ट, सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया

“भारत डिजिटल रूप से आगे बढ़ रहा है, लेकिन साइबर कानून की जानकारी और साइबर आत्मरक्षा की ट्रेनिंग उतनी तेज़ी से नहीं पहुंच रही है। हमें स्कूलों और ग्राम पंचायत स्तर पर साइबर शिक्षा अनिवार्य करनी चाहिए। CyberSathhi.com इस दिशा में एक प्रेरक प्रयास है।”

CyberSathhi.com की सलाह:

OTP, PIN और पासवर्ड कभी किसी से साझा न करें , किसी भी अनजान लिंक या QR कोड को स्कैन न करें
बैंक कॉल या ऐप डाउनलोड के झांसे में न आएं
ठगी होते ही तुरंत 1930 या cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें
CyberSathhi.com पर जाकर साइबर सुरक्षा से जुड़ी जानकारी पढ़ें और दूसरों को भी जागरूक करें